देहरादून में अपने जन्मदिन पर दृष्टिबाधित छात्रों का गीत सुनकर भावुक हो गईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

देहरादून । देहरादून में अपने जन्मदिन पर दृष्टिबाधित छात्रों का गीत सुनकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भावुक हो गईं । राष्ट्रपति मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंची हैं। खास बात यह है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को अपने जन्मदिन के मौके पर देवभूमि में हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के छात्रों के साथ कुछ समय बिताया। संस्थान की ओर से उनके लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों ने एक गीत के जरिए जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान दिव्यांग बच्चों ने जन्मदिन पर बॉलीवुड का मशहूर गीत ‘बार-बार ये दिन आए’ गाया तो उनका गाना सुनकर राष्ट्रपति भावुक हो गईं और मंच पर ही उनकी आंखों में आंसू छलक गए। इसके बाद मंच पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ने राष्ट्रपति को टिश्यू पेपर दिया, जिसकी मदद से उन्होंने अपने आंसुओं को पोंछा। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है, जिस पर यूजर्स अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राष्ट्रपति मुर्मू को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई मंत्रियों ने उनके जन्मदिन पर सोशल मीडिया के जरिए बधाई दी। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। विनम्र शुरुआत से लेकर सर्वोच्च संवैधानिक पद तक की उनकी असाधारण यात्रा- नम्रता, सादगी और प्रतिष्ठा का प्रतीक रही है और यह हमारे लोकतंत्र की सच्ची भावना को दर्शाती है। उन्होंने सार्वजनिक सेवा में अपनी यात्रा के दौरान, विधायक, राज्यपाल और अब सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति के रूप में निरंतर एक अनुकरणीय विरासत के उच्चतम मानक स्थापित किए हैं।” पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनका जीवन और नेतृत्व देश भर के करोड़ों लोगों को प्रेरित करता रहेगा। जनसेवा, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए आशा और शक्ति की किरण है। उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए काम किया है। ईश्वर उन्हें लोगों की सेवा करते हुए दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्रदान करे।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक छोटे से गांव उपरबेड़ा में हुआ था। वह संथाल जनजाति से संबंध रखती हैं। उनके पिता बिरंची नारायण टुडू गांव के मुखिया थे और पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े हुए थे।

Nov 30, -0001 - 00:00
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देहरादून में अपने जन्मदिन पर दृष्टिबाधित छात्रों का गीत सुनकर भावुक हो गईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
गीत सुनकर भावुक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू