अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में 12.55 लाख का घोटाला, 5 संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में 12.55 लाख का घोटाला, 5 संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
फर्जी दस्तावेज बनाकर निकाला छात्रवृत्ति
इंदौर
अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को केंद्र से मिलने वाली छात्रवृत्ति में लाखों रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर 5 संस्थानों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया गया है।
इन संस्थानों पर नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर अपात्र छात्रों की जानकारी प्रस्तुत करने एवं 9वीं और 10वीं के फर्जी छात्रों का पंजीयन करने का आरोप है। क्राइम ब्रांच इस पूरे मामले की जांच में जुटी है। डीसीपी(अपराध)राजेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक अनिल कुमार सोनी की ओर से उन्हें लिखित शिकायत की गई है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन 5 संस्थानों के विरुद्ध धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं में एफआइआर दर्ज किया है।
सोनी के मुताबिक भारत सरकार कार्य मंत्रालय की ओर से संचालित प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मेरिक कम मीन्स अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। पोर्टल के विश्लेषण के दौरान कतिपय संस्थान और स्कूल की ओर से फर्जीवाड़ा करने की पुष्टि हुई। इसके बाद शासन ने 27 शिक्षण संस्थानों को रेड फ्लैग चिन्हित किया है। इन संस्थानों का भौतिक सत्यापन के आदेश जारी हुए है। गड़बड़ी की पुष्टि होने पर बुधवार को पांच संस्थानों के विरुद्ध केस दर्ज करवाया गया है।
9वीं और 10वीं के फर्जी छात्रों की छात्रवृत्ति निकाली
पुलिस के मुताबिक अल्पसंख्यक वर्ग के अंतर्गत जैन, बौध,सिख, इसाई एवं पारसी समुदाय के विद्यार्थी आते हैं। जिन संस्थानों के विरुद्ध शिकायत हुई उन्हें 8वीं तक की मान्यता प्राप्त है। संस्थान संचालकों ने फर्जी तरिके से 9वीं और 10वीं के छात्रों का पंजीयन करवाकर छात्रवृत्ति निकाल ली। कुल घोटाला 12 लाख 55 हजार रुपए का है।