एमपीपीएससी ने किया बड़ा बदलाव, अब इंटरव्यू में नहीं बतानी होगी जाति या सरनेम
एमपीपीएससी ने किया बड़ा बदलाव, अब इंटरव्यू में नहीं बतानी होगी जाति या सरनेम
राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2023 से लागू होगी व्यवस्था
इंदौर
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने भर्ती परीक्षाओं के साक्षात्कार को और पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब साक्षात्कार से पहले जो फॉर्म अभ्यर्थियों से भरवाया जाता है, उसमें उनकी जाति और उपनाम की जानकारी नहीं ली जाएगी। यह नई व्यवस्था सात जुलाई 2025 से शुरू होने वाली राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2023 से लागू की जाएगी। आयोग ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कई बार साक्षात्कार में विशेष वर्ग के उम्मीदवारों को फायदा या नुकसान पहुंचाने के आरोप सामने लगते रहे हैं। ऐसे मामलों को लेकर विवाद और कोर्ट तक की नौबत आ जाती थी। इससे पूरी भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होती थी।
एक साथ होंगे साक्षात्कार
अब इस बदलाव से इंटरव्यू पैनल को उम्मीदवार की जाति या उपनाम जैसी व्यक्तिगत जानकारी पता नहीं चलेगी। इससे साक्षात्कार में पक्षपात की आशंका खत्म होगी। साथ ही चयन प्रक्रिया ज्यादा न्यायसंगत बन सकेगी। आयोग ने श्रेणीवार इंटरव्यू की व्यवस्था को भी पूरी तरह समाप्त कर दिया है। यानी अब सभी वर्ग के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार एकसाथ लिया जाएगा। इससे सबको समान अवसर मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक जाति आधार पर साक्षात्कार नहीं रखे जाएंगे। बल्कि अभ्यर्थियों के रोल नंबर पर साक्षात्कार की प्रक्रिया में अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे।
अलग से भरना होगा फॉर्म
एमपीपीएससी ने राज्य सेवा परीक्षा 2023 के लिए अलग से फॉर्म बनाया है। पोर्टल पर इसे अपलोड भी किया गया है। यह फॉर्म साक्षात्कार से पहले भरकर अभ्यर्थियों को देना होगा। इसमें उपनाम-जाति के बारे में साफ तौर पर उल्लेख नहीं करने पर जोर दिया गया है। यहां तक कि अभ्यर्थियों को पूरा पता भी नहीं दर्शाना है। सिर्फ शहर का नाम लिखना होगा। इसके अलावा 10वीं-12वीं, यूजी-पीजी और एनसीसी व एनएसएस के बारे में जानकारी देनी होगी। वहीं अभ्यर्थियों को फॉर्म में संबंधित विभागों में अपनी प्राथमिकता के बारे में बताना होगा। आयोग के अधिकारी रवींद्र पंचभाई का कहना है कि फॉर्म को इंटरव्यू लेने वाले सदस्यों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा ताकि साक्षात्कार में पारदर्शिता रखी जा सके।